चीन अपने खेतों में क्यों पाल रहा है
दुनिया के सबसे खतरनाक सांप इन लाखों
जहरीले सांपों की खेती करने के पीछे चीन
के मंसूबे को जानकर हैरान रह जाएंगे आप
दोस्तों जब उट पटांग काम करने की बात आती
है तो दुनिया की सोच जहां खत्म होती है
वहीं चीन से इस सोच की शुरुआत होती है फिर
चाहे रेगिस्तान में एक साथ 12 लाख खरगोश
छोड़ना हो कोरोना वायरस से संक्रमित
चमगादड़ पक्षी का सूप पीना हो या फिर चूहे
के बच्चे और ऑक्टोपस को जिंदा निगल जाना
चीन हमेशा ऐसी हरकतें करता आया है जिसे
देख पूरी दुनिया हैरान रह जाती है ऐसी ही
एक आश्चर्यजनक हरकत है हर साल 30 लाख से
अधिक सांपों की खेती करना जी हां जिन
सांपों को देखकर हम दबे पांव कोसो दूर भाग
निकलते हैं उन्हीं जहरीले सांपों को लाखों
की तादाद में यहां के लोग पालते हैं और
फिर मार्केट में बेच देते हैं लेकिन इतने
सारे सांप जाते कहां है और आखिर कैसे चीन
में सांपों की खेती की जाती है चलिए जानते
हैं तो दोस्तों चीन में जिसकियाओ नाम का
एक गांव है जहां के लोग सांप पालकर इतना
पैसा कमाते हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं
कर सकते लेकिन आज भी उनके घर हीरे जवाहरात
और नोटों की गड्डियां के बजाय सांपों से
भरे रहते हैं इस गांव में रहने वाला हर एक
इंसान सांपों की खेती करता है और उनके घर
के हर एक कमरे में सांपों का ही राज रहता
है वो भी खतरनाक जहरीले सांप ये लोग
उन्हीं सांपों के पास बैठकर खाते पीते हैं
और वहीं पर सो भी जाते हैं इसी वजह से इस
गांव को स्नेक विलेज के नाम से भी जाना
जाता है चीन के इस छोटे से गांव में करीब
1000 लोग रहते हैं और प्रत्येक इंसान औसतन
3000 सांप पालते है इस तरह से जिस
कियाओ गांव में हर साल करीब 30 लाख सांपों
की खेती की जाती है जिन्हें चीन के कई
शहरों के साथ विदेशों में भी एक्सपोर्ट
किया जाता है वो भी जिंदा अब आप सोच रहे
होंगे कि फल सब्जियों की खेती के बारे में
तो सुना था लेकिन भला सांपों की खेती कैसे
की जाती है तो आपने चीन के पोल्ट्री फॉर्म
के बारे में तो जरूर सुना होगा जहां हर
साल करोड़ों मुर्गियों की ब्रूडिंग की
जाती है ठीक वैसे ही इस गांव में सांप की
ब्रूडिंग करवाई जाती है इसलिए इसे स्नेक
फार्म भी कहा जाता है अब अगर आपको लगता है
कि ये केवल दिखावटी सांप होते होंगे
जिन्हें डंक मारना नहीं आता होगा और ना ही
इनके डंक में जहर होगा तो यह बहुत बड़ी
गलतफहमी है बल्कि यहां पाए जाने वाले
सांपों में से एक से बढ़कर एक जानलेवा
सांप मौजूद हैं फिर चाहे वो एक ढंग से
सामने वाले इंसान को ढेर कर देने वाले
खूंखार कोबरा सांप हो या फिर हमेशा गुस्से
में रहने वाला पाइथन और वाइपर सांप इन
सांपों के वार से आज तक यहां कई लोग मारे
भी जा चुके हैं और जब सवाल आता है कि
अपनी जान जोखिम पर डालकर भी यहां के लोग
सांप की खेती क्यों करते हैं तो बता दें
कि सांप का जहर जहां एक और जानलेवा है तो
वहीं उसमें बहुत सारी खूबियां भी होती हैं
सांप के 1 लीटर जहर की कीमत लाखों में
नहीं बल्कि करोड़ों में होती है और यह जहर
सोने चांदी जैसी कीमती धातुओं से भी कहीं
ज्यादा महंगा होता है जी हां सबसे खतरनाक
सांप जो होता है उसकी कीमत 4 करोड़ प्रति
लीटर होती है उसके जहर की क्योंकि इस जहर
का इस्तेमाल करके कई दवाइयां बनाई जाती
हैं जिसमें मर्दाना ताकत बढ़ाने की
दवाइयों से लेकर कैंसर को ठीक करने वाली
दवाइयां भी शामिल हैं और यही वजह है कि
लोग ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने के लिए
इन सांपों की खेती करते हैं इतना ही नहीं
चीन में सांपों के मीट की भी मांग हमेशा
से रही है और क्या बताएं उनके लिए सांप का
मीट बिल्कुल वैसा है जैसे हमारे के लिए
पनीर जी हां जिस तरह हम मटर पनीर पालक
पनीर और पनीर के पराठे खाते हैं ठीक वैसे
ही चीनी लोग सांप के मांस के कई अलग-अलग
व्यंजन तो बनाते ही हैं साथ ही सांप के
मीट वाला सूप भी पीते हैं पहले के जमाने
में तो चीनी लोग सांप के एक बड़े-बड़े
पिंजरे के पास बैठकर सूप पिया करते थे
लेकिन फिर सरकार ने खुले में सांप को
मारकर व्यंजन बनाने पर रोक लगा दी अब चीन
में हजारों स्पेशल स्नेक फूड रेस्टोरेंट्स
हैं और चीनी लोगों को सांप के व्यंजन
कितने पसंद है उस बात का अंदाजा आप इसी
बात से लगा सकते हैं कि सिर्फ शांघाई शहर
में ही लगभग 6000 ऐसे रेस्टोरेंट्स हैं
जहां बड़े मजे से लोग सांपों के सूप को
पीते हैं और उनके व्यंजन खाते हैं वहीं
चीन के लोग हर साल कुल 10000 टन सांप का
मांस खाते हैं इसके अलावा चीन में सांप से
बनी शराब का भी अलग ही क्रेज है जिसकी
कीमत हजारों में है और यह शराब बनाने वाले
ठेके भी हजारों की तादाद में सांप खरीदते
हैं और उनमें से शराब बनाकर उन्हें बेचते
हैं चीन का जिस कियाओ गांव कितना खतरनाक
है इस बात का पता आप इसी से लगा सकते हैं
कि यहां एक दो नहीं बल्कि 100 स्नेक
फार्म है और कुछ किलोमीटर के इलाके में जब
लाखों की तादाद में सांप होते हैं तो कोई
भला उनसे दूर कैसे रह सकता है इसलिए तो जब
यहां बच्चा पैदा होता है तो वो खिलौने के
साथ नहीं बल्कि सांपों के साथ खेलता है
क्योंकि बचपन से ही यहां के लोगों को सांप
से बिल्कुल भी डर नहीं लगता या फिर कह
लीजिए कि ये लोग सांपों को अपना दोस्त
समझते हैं और तो और सांप इनके करता
धरता होते हैं और जिस तरह से हमारे किसान
भाई अनाज की पूजा करते हैं ठीक उसी तरह इस
गांव के रहने वाले लोग सांपों की पूजा
करते हैं लेकिन फिर अपने परिवार का पेट
पालने के लिए बड़े होते उन सांपों का सर धर
से अलग करके उन्हें मार भी देते हैं और
फिर मार्केट में बेच भी देते हैं लेकिन अब
सवाल आता है कि यहां के लोगों ने सांपों
की खेती की शुरुआत कैसे की तो आज से कई
दशकों पहले इस गांव में गरीब किसान रहता
था एक बार यह किसान इतना ज्यादा बीमार पड़
गया कि गरीबी के कारण वह अपनी दवा तक के
पैसे नहीं जुटा पा रहा था इसी दौरान यांग
ने अपना इलाज करने के लिए एक जंगली सांप
को पकड़ा और उसकी मदद से दवा बनाई और वह
दवा काम आ गई और वह तंदुरुस्त हो गया इस
घटना से किसान एक बात तो पूरी तरह से जान
चुका था कि सांप का जहर केवल जान लेने के
लिए नहीं बल्कि जान बचाने के लिए भी होता
है इसके बाद चाइना के इस किसान ने सांपों
की खेती करना शुरू कर दिया यह शख्स सांप
का जहर दवाई बनाने वाली कंपनियों को बेचने
लगा सांप का मांस चीनी रेस्टोरेंट्स को
सप्लाई करने लगा और चमड़े को लेदर से अलग
करके चीजें बनाने वाले कारीगरों को बेचने
लगा और देखते ही देखते उसका व्यापार इतना
चल पड़ा कि गांव के बाकी लोगों ने भी सांप
पालना शुरू कर दिया आज हालात कुछ ऐसे हैं
कि पूरे गांव की आर्थिक स्थिति सिर्फ
सांपों के व्यापार पर ही टिकी हुई है और
जब कोरोना काल में चीनी लोग भी बाहर का
सामान खाने से डर रहे थे और एक्सपर्ट्स भी
रुक गए थे तभी इन गांव वालों को आर्थिक
संकट का सामना करना पड़ा था लेकिन अब इनका
व्यापार फिर से चल निकला है चलिए अब जानते
हैं कि आखिर सांपों की खेती कैसे की जाती
है तो लकड़ी और शीशे के इन छोटे से बक्सों
में सांपों को पाला जाता है जहां पिंजरा
खोलकर उन्हें समय-समय पर खाना खिलाया जाता
है जिसमें छोटे सांप चिकन और मेढक का मांस
खाते है और जब फीमेल स्नेक अंडे देती हैं
तो बड़ी ही सावधानी से उसे पकड़कर उसे
बक्से से बाहर निकाल दिया जाता है और
दूसरे बक्से में रख दिया जाता है जिसके
बाद इन अंडों को बड़े ध्यान से बक्सों से
बाहर निकाला जाता है जिसके बाद थर्मोकोल
के छोटे से बॉक्स में मिट्टी की एक परत
बिछाई जाती है जिसमें 25% नमी रखी जाती
है फिर इसके ऊपर अंडे रखे जाते हैं जिनके
ऊपर थोड़ी सी मिट्टी डाली जाती है और 70
से 75 दिनों तक छोड़ दिया जाता है इसी बीच
जो अंडा खराब हो जाता है उसे बक्स से
निकाल दिया जाता है इसी तरह 75 दिनों के
बाद अंडे फूटते हैं और बच्चे बाहर निकलते
हैं जिसके बाद इन बेबी स्नेक्स को पाल
पोष कर बड़ा किया जाता है यहां गौर करने वाली
बात ये है कि सांपों के बच्चों को बड़ा
करने के वक्त तापमान और नमी को सही बनाए
रखना जरूरी है क्योंकि ज्यादा ठंडी और
ज्यादा गर्मी में सांप के बच्चे मर जाते
हैं फिर जब सांप बड़े हो जाते हैं तो
उन्हें बूचड़ खाने ले जाने से पहले इनके
जहर को निकाला जाता है और फिर इनका सर काट
दिया जाता है जिससे वो मर जाते हैं फिर
उनका मीट निकाल कर अलग कर दिया जाता है और
फिर चमड़े को अलग करके धूप में सुखाया
जाता है जहां इन सांप के मीट का प्रयोग
खाने और दवा बनाने में काम आता है वहीं
सांप के चमड़े का इस्तेमाल बैग या फिर
बेल्ट वगैरह बनाने में किया जाता है है इस
तरह चीन के इस गांव में सांपों की खेती की
जाती है दोस्तों चूहे मेढक चमगादड़ सांप
जैसे जानवर को खाने की चीन की आदत पर आपका
क्या कहना है और क्या आपने कभी सांप के
जहर से बनी दवा और शराब के बारे में सुना
है कमेंट्स में बताइएगा
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