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Ancient Antenna Found At the Bottom of Antarctica

अंटार्कटिका को इस धरती की सबसे रहस्यमय
जगहों में से एक माना जाता है साल भर यह
जगह बर्फ की 3 मील मोटी चादर से ढकी रहती
है और यहां पर रहना चांद या अंतरिक्ष में
रहने से भी ज्यादा मुश्किल माना जाता है
और यही रीजन है कि अंटार्कटिका अभी तक
बहुत कम एक्सप्लोर किया गया है साइंटिस्ट
और आर्कियोलॉजिस्ट का मानना है कि
अंटार्कटिका में बर्फ के नीचे कई ऐसे राज
छुपे हुए हैं जिनसे हमारी ह्यूमन हिस्ट्री
को देखने का नजरिया ही बदल जाएगा अब तक
बर्फ के अंदर पिरामिड्स कई स्ट्रेंज
ऑब्जेक्ट 10 लाख साल पुराने डीएनए लेगस और
कई फॉसिल साइंटिस्ट ढूंढ चुके हैं लेकिन
अंटार्कटिका का रहस्य इससे कहीं अधिक है
एक रहस्यमय एंटीना की खोज अंटार्कटिका में
की गई थी और यह एक ऐसी खोज थी जिसने सभी
साइंटिस्ट को हैरान और परेशान कर दिया कुछ
थ्योरी के अनुसार लाखों साल पहले
अंटार्कटिका में एडवांस सिविलाइजेशन रहती
थी जिन्हें टेक्नोलॉजी और मॉडर्न मशीनरी
की अच्छी जानकारी थी आखिर ऐसा क्या खास था
उस एंटीना में और क्या सच में अंटार्कटिका
का कनेक्शन एलियन और एक्स्ट्रा टेरेस्ट
एक्टिविटीज से है आइए जानने की कोशिश करते
हैं अंटार्कटिका में यूं तो अब कई देशों
ने अपने रिसर्च स्टेशन इस्टैब्लिश कर
लिया है साथ ही अंटार्कटिका धरती का
सबसे कोल्डेस्ट विंडस्ट्रक एंड हाईएस्ट
कॉन्टिनेंट भी है साइंटिस्ट के अनुसार
अंटार्कटिका का हमेशा से ऐसा नहीं था जैसा
हमें नजर आता है एक समय पर यह काफी गर्म
हुआ करता था यहां पर ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट
थे ग्रीनरी थी और एक अच्छी खासी वाइल्ड
लाइफ हुआ करती थी और धरती की सबसे पुरानी
मानव सभ्यता भी यहीं पर रहा करती थी और
जितनी भी स्ट्रेंज डिस्कवरीज आज तक
अंटार्कटिका में हुई हैं वह सभी उस सभ्यता
के लोगों की ही निशानी है भले ही
अंटार्कटिका से बर्फ हटाना पॉसिबल नहीं है
लेकिन साइंटिस्ट फिर भी इस जगह पर काफी
रिसर्च कर चुके हैं साल 1929 में एक जर्मन
थियोलोजियन को तुर्की के इस्तानबुल में एक
वर्ल्ड मैप मिला जो 1513 में बनाया गया था
इस मैप पर कार्टोग्राफी अहमद मोहिद दिन
पीरी के साइन थे जिन्हें पीरीज रेस के नाम
से जाना जाता है शॉकिंग बात यह थी कि इस
मैप पर नॉर्थ अमेरिका और साउथ अमेरिका के
बारे में काफी डिटेल में जानकारी दी गई थी
यह अमेरिका का सबसे पुराना डिटेल मैप माना
जाता है एंडीज पर्वत माला भी इस मैप में
दिखाए गए थे जबकि इसकी खोज मैप बनने के भी
14 साल बाद हुई थी सबसे हैरानी की बात थी
कि पीरी रेस ने अपने मैप में अंटार्कटिका
कॉन्टिनेंट का नक्शा भी दिखाया था और उनके
नक्शे के अनुसार अंटार्कटिका बर्फ से ढका
हुआ नहीं था जबकि अंटार्कटिका की वास्तविक
खोज साल 1820 में हुई थी पीरी रस ने वह
वर्ल्ड मैप खुद नहीं बनाया था बल्कि
अलग-अलग लाइब्रेरी में रखे मैप्स और
इजिप्शियन ग्रीक और इंडियन सिविलाइजेशन से
जानकारी इकट्ठा कर पूरा मैप तैयार किया था
इसके अलावा कुछ सोर्सेस को पीरी ने कभी
डिस्क्लोज ही नहीं किया उनके मैप में
अंटार्कटिका में काफी वेजिट टेशन और
ग्रीनरी दिखाई गई थी और एक अच्छी लाइफ को
दर्शाया गया है इतना ही नहीं पीरी ने
अंटार्कटिका के सिर्फ कोस्टल रीजन को ही
नहीं बल्कि पूरे कॉन्टिनेंट पर मौजूद
पहाड़ नदियों और लैंड के बारे में दिखाया
है यह सारी जानकारी बिना कॉन्टिनेंट को
एक्सप्लोर किए प्राप्त नहीं की जा सकती
जबकि मॉडर्न टाइम में अंटार्कटिका से
रिलेटेड ये सारी इंफॉर्मेशन
2004 में सोन रडार सर्वे के बाद हमें मिल
पाई है ऐसे में क्या वह मैप किसी एसिएंट
सिविलाइजेशन से मिले सोर्सेस के आधार पर
बनाया गया था इस बारे में दावे के साथ कुछ
भी नहीं कहा जा सकता साल 1962 में नेशनल
साइंस फाउंडेशन ऑफ यूएस ने एक
टेक्नोलॉजिकल एडवांस सोश ग्राफिक रिसर्च
वेसल तैयार किया जिसका नाम यूएस लेटन दिया
गया यह दुनिया का पहला जिओ फिजिकल शिप था
जो अंटार्कटिका रीजन को एक्सप्लोर करने
वाला था करीब 2 सालों में इस शिप ने ढेर
सारा डाटा इकट्ठा किया और साथ ही कुछ
मिस्ट्रीज को भी जन्म दिया 29 अगस्त 1964
को यूएस लेटन ने अंटार्कटिका महासागर की
करीब 3 मील गहराई में एक फोटो क्लिक की यह
फोटो एक एंटीना जैसे दिखने वाले स्ट्रक्चर
की थी जिसकी लेंथ करीब 2 फीट थी यह
बिल्कुल आधुनिक एंटीना जैसा लग रहा था
ज्योमेट्री शेप्स और एंगल्स काफी प्रेसा
इज थे यह एंटीना किसी सिग्नल ट्रांसमीटर
जैसा लग रहा था द न्यूजीलैंड हराल्ड ने
पहली बार इस मिस्टीरियस स्ट्रक्चर की फोटो
पब्लिश की और इसने तुरंत ही सभी साइंटिस्ट
और रिसर्चस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर
लिया आर्टिकल में इस स्ट्रक्चर को लेटन
एंटीना का नाम दिया गया कई आर्कियोलॉजिस्ट
का मानना है कि यह आर्टफेड किसी एशियंट
सिविलाइजेशन की निशानी है जिन्होंने इसे
अंटार्कटिका ओशन की गहराई में फिट किया
होगा ऐसा कहा जाता है कि इस तरह के और भी
बहुत सारे स्ट्रक्चर अंटार्कटिका रीजन में
पाए जा सकते हैं लेकिन बर्फ के नीचे
फिलहाल रिसर्च करना मुमकिन नहीं है ऐसे
में ओशन की गहराई में छिपी मिस्ट्री से
हमें काफी कुछ पता चल सकता है कुछ थ्योरी
में ऐसा दावा किया गया है कि यह एंटीना एक
तरह की एलियन टेक्नोलॉजी की निशानी है
जिसे एलियंस ने धरती के के बारे में
जानकारी इकट्ठा करने के लिए लगाया होगा इस
एंटीना से एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रे
कम्युनिकेशन की जा सकती है 1968 में ब्रैड
स्टीगर ने इस एंटीना को किसी मशीन का
पार्ट बताया जो काफी हद तक एक टीवी एंटीना
जैसा ही लग रहा था दूसरी ओर कुछ साइंटिस्ट
का मानना है कि यह कोई टेक्नोलॉजिकल
डिवाइस या एंटीना नहीं बल्कि एक प्रकार का
स्पंज है उनके मुताबिक यह क्लाडड
कंक्रीसेंस नाम का सी स्पंज है लेकिन इस
थ्योरी को बहुत ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला
क्योंकि इसकी शेप वास्तविक स्पोंज के
मुकाबले काफी अलग थी एंटीना बिल्कुल
आर्टिफिशियल लग रहा था प्लैटन स्टडीज के
एक्सपर्ट्स और बायोलॉजिस्ट के मुताबिक
क्लैडो रि जाई एक फैमिली बनाकर रहते हैं
यानी यह बहुत तेजी से अपने आस-पास एक
कॉलोनी डेवलप कर लेते हैं इनका
रिप्रोडक्शन काफी फास्ट होता है जबकि
अंटार्कटिका की गहराई में यह लेटन एंटीना
बिल्कुल अकेला खड़ा था और यह एंटीना करीब
4 किमी की गहराई पर पाया गया था जहां तक
सूर्य की रोशनी नहीं पहुंच सकती ऐसे में
किसी भी पौधे की स्पीशीज बिना फोटोसिंथेसिस
के ग्रो नहीं कर सकती लेकिन अगर
यह एंटीना नेचुरल नहीं है तो फिर इसे
समुंद्र की गहराई में किसने लगाया होगा और
इसे लगाने के पीछ क्या पर्पस रहा होगा
शायद ब्राड स्ट्रगर और उनके साथी जॉन के
पास इसका जवाब है उनके अनुसार इस एंटीना
को धरती की जिओडेटिक जियो डायनेमिक और
सीस्मिक एक्टिविटीज मेजर करने के लिए
लगाया गया था और इस एंटीना को किसी इंसान
ने नहीं लगाया था उन्होंने इस डिवाइस को
ह्यूमन इंटरफेयर से परे बताया क्योंकि उस
समय तक ऐसी कोई टेक्नोलॉजी डिस्कवर नहीं
हुई थी थी जिसकी मदद से समुंदर में 3 किमी
की गहराई में जाकर इस तरह का डिवाइस
इंस्टॉल किया जा सके एक और मजेदार बात यह
है कि यूता के सीगो कैनन में करीब 6000
बीसी पुराने पेट्रो गिल्फ हैं जिसमें काफी
हद तक टिनिन एंटीना जैसी ड्राइंग देखने को
मिलती है तो ऐसे में अंटार्कटिका में लगा
एंटीना भी 8000 साल पुराना हो सकता है
सेगो कैनन में कुछ और स्ट्रेंज पिक्चर्स
भी बनी हुई हैं जो इंसानों की बजाय एलियंस
जैसी लगती हैं ऐसे में इस बात से इंकार
नहीं किया जा सकता है कि शायद दूसरे ग्रह
पर रहने वाले एलियंस धरती के प्राणियों पर
नजर रखे हुए हैं और उन्होंने इस तरह के
डिवाइसेज धरती पर अलग-अलग जगह लगाए हुए
हैं सिर्फ इस एंटीना की मदद से ही नहीं
बल्कि सैटेलाइट से भी शायद एलियंस हम पर
पिछले हजारों सालों से नजर रखे हुए हैं
1950 में अमेरिका के साइंटिस्ट को स्पेस
में एक सैटेलाइट मिला जिसका नाम ब्लैक
नाइट सेटेलाइट रखा गया अमेरिका को लगा कि
शायद सोवियत यूनियन ने इसे स्पेस में भेजा
है तो वहीं दूसरी ओर सोवियत साइंटिस्ट सोच
रहे थे कि यह सैटेलाइट अमेरिका का है जबकि
उस समय तक दोनों देशों ने सैटेलाइट भेजने
की टेक्नोलॉजी विकसित नहीं की थी इसके बाद
कुछ साइंटिस्ट ने कहा कि शायद दूसरे ग्रह
के कुछ प्राणी इस धरती को मॉनिटर कर रहे
हैं ब्लैक नाइट सैटेलाइट से कुछ सिग्नल्स
भी ट्रांसमिट हो रहे थे एक रेडियो ऑपरेटर
ने ब्लैक नाइट के सिग्नल्स को डिकोड करने
की कोशिश की और उसने बताया कि यह सेटेलाइट
करीब 13000 साल पुराना है ब्लैक नाइट
सैटेलाइट के बारे में एक और खास बात यह थी
कि यह अर्थ की ऑर्बिट में ईस्ट टू वेस्ट
मूव कर रहा था जबकि स्पूतनिक और अन्य सभी
सेटेलाइट्स अर्थ की नेचुरल रोटेशन के
अनुसार वेस्ट टू ईस्ट मूव करते हैं इतना
ही नहीं 1957 में ब्लैक नाइट सैटेलाइट के
पास पोलर ऑर्बिट में एक अन आइडेंटिफिकेशन
करने की टेक्नोलॉजी भी नहीं थी पोलर
ऑर्बिट का इस्तेमाल अर्थ की मैपिंग के लिए
किया जाता है साइंटिस्ट ने यह भी पता
लगाया कि ब्लैक नाइट सेटेलाइट का वजन 10
टन से भी ज्यादा था इतने हैवी सैटेलाइट को
स्पेस तक पहुंचाने के लिए एडवांस
टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है और भी कई तरह
के रिसर्च इस सैटेलाइट पर की गई 1973 में
स्कॉटिश एस्ट्रोन ने एक सैटेलाइट से मिलने
वाले सिग्नल्स को मैसेज में कन्वर्ट करने
की कोशिश की जिसमें लिखा था हमारा घर एसिन
बूटीज में है जो एक डबल स्टार है अमेरिकन
साइंटिस्ट ने इस सैटेलाइट के बारे में जो
भी रिसर्च की उसे आज तक डिस्क्लोज नहीं
किया गया है लास्ट में ब्लैक नाइट
सैटेलाइट के बारे में दो थ्योरी निकल कर
सामने आई या तो इस सैटेलाइट को एलियंस
ने बनाया था या फिर धरती पर प्राचीन समय
में कोई ऐसी एडवांस सिविलाइजेशन रही होगी
जिन्हें सैटेलाइट बनाने की जानकारी भी
होगी और उन्होंने ही हजारों साल पहले इस
सैटेलाइट को पृथ्वी के ऑर्बिट में लॉन्च
किया होगा ब्लैक नाइट सैटेलाइट और लटन
एंटीना जैसी और भी ना जाने कितनी थ्योरी
हैं जिनकी मिस्ट्री इंसानों के लिए एक
रहस्यमय पहेली बनी हुई है आपको क्या लगता
है क्या अंटार्कटिका का एंटीना और ब्लैक
नाइट सैटेलाइट का संबंध एलियन से है या
फिर धरती की ही प्राचीन मानव सभ्यता ने
इन्हें बनाया होगा अपने विचार हमें कमेंट
सेक्शन में जरूर बताइएगा।

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