दोस्तों दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी है
यहां कई ऐसे रहस्य हैं जो आज भी अनसुलझे
हैं खासकर प्राचीन जमाने के रहस्य जिनके
बारे में जानने की कोशिश हमारे साइंटिस्ट
सालों से कर रहे हैं और इसी वजह से इसमें
कुछ हद तक उन्हें कामयाबी भी मिली है
लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे रहस्य हैं जिनके
सामने वैज्ञानिकों ने भी घुटने टेक दिए
हैं आज हम आपको वैज्ञानिकों
द्वारा खोज की गई कुछ ऐसे ही
अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताने वाले
हैं जानकारी काफी ज्यादा इंटरेस्टिंग होने
वाली है
द एलियन फिरौन
दोस्तों अख नाथन
इजिप्ट का इकलौता ऐसा फिरौन था फिरौन यानी
राजा जिसने अपने यहां लोगों को धर्म बदलने
के लिए टॉर्चर किया था क्योंकि उसका मानना
था कि इस धरती को चलाने वाला अगर कोई है
तो वह है उसका गॉड एडम और इसीलिए उसने
पूरे इजिप्ट के लोगों को अपने पुराने
भगवान को भुलाकर एडम की पूजा करने के लिए
मजबूर किया दोस्तों अखनातम ने 17 साल तक
इजिप्ट पर शासन किया था और इन 17 सालों में
उसके डर से लोगों ने अपने पुराने भगवान
अमून और मटका को भुलाकर एडम की पूजा की
वैसे अखनातम को लोगों का धर्म बदलने के
अलावा उसकी शक्लो सूरत और उसके शारीरिक
बनावट के लिए भी जाना जाता है दरअसल अखनातम
का चेहरा सामान्य इंसान से काफी लंबा
था उसके शरीर की बनावट भी बिल्कुल अजीब थी
उसके पैर नीचे से बिल्कुल पतले थे और उसका
पेट बाहर की तरफ निकला हुआ था वह दिखने
में इस दुनिया का नहीं बल्कि किसी दूसरे
ग्रह से आया हुआ मालूम पड़ता था बिल्कुल
किसी एलियन की तरह लगता था अखनातम की
सच्चाई का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों
ने जब उसका डीएनए टेस्ट किया तो रिजल्ट
जो सामने आया वह काफी चौका देने वाला
था दरअसल वैज्ञानिकों को अखनातम के सेरेब्रल
कॉर्टेक्स में एक अजीब सी ग्रोथ देखने को
मिली जिसका मतलब था कि अखनातम एक म्यूट था
जिसका दिमाग आम इंसान से काफी बड़ा था
उसके इस अजीबोगरीब शक्लो सूरत की वजह से
आज दुनिया ऐसा मानती है कि अखनातम
इंसान और एलियन का हाइब्रिड था वैसे उसका
अंत काफी भयानक हुआ था उसके क्रूर स्वभाव
की वजह से उसके अपने ही लोग उससे नफरत
करने लगे थे और उनमें से ही एक ने किसी ने
मौका देखकर उसकी धोखे से जान ले ली थी
अखनातम की मौत के बाद उसका बेटा उसकी
राजगद्दी को संभालता है जिसने अपने पिता
द्वारा जबरन थोपे भगवान का नामों निशान
मिटा दिया और लोगों को अपने पुराने भगवान
को मानने की आजादी दी।
ग्रैंड कैनन
फॉर बिडेन जोन दोस्तों अमेरिका का द ग्रैंड
कैनन वहां के लोगों के लिए आज भी एक
मिस्ट्री से कम नहीं है आज से करीब 100
साल पहले अमेरिका के एक लोकल न्यूज़पेपर
ने इसी ग्रैंड कैनन से जुड़ी एक खबर छापी
थी जिससे चारों तरफ सनसनी फैल गई दरअसल इस
खबर के अकॉर्डिंग इस ग्रैंड कैनन में एक
गुफा मिली है जिसका संबंध इजिप्ट के लोगों
से है हालांकि अब तक दुनिया को यही पता था
कि इजिप्ट का अमेरिका से कोई कनेक्शन नहीं
रहा है और ना ही कभी इजिप्ट के लोग
अमेरिका गए हैं ऐसे में अगर यह खबर सच
साबित होती है तो यकीन मानिए दुनिया का
पूरा इतिहास बदल सकता है वैसे इस खबर में
कितनी सच्चाई है इसका पता लगाने के लिए जब
हम इसके तह में गए तो हमें पता लगा कि आज
से 100 साल पहले एक आदमी अपनी नाव से
कोलराडो रिवर में आगे बढ़ रहा था तभी उसे
अचानक से पहाड़ के ऊपर एक गुफा दिखाई देती
है वह खुद तो उस गुफा के अंदर नहीं जाता
लेकिन उस गुफा की खबर जाकर अथॉरिटीज को दे
देता है जिसके बाद अमेरिकी वैज्ञानिकों की
एक टीम उस गुफा के अंदर जांच के लिए जाती
है इसके साथ साथ ही लोकल मीडिया भी जांच
के लिए गुफा के अंदर पहुंच जाती है लेकिन
वहां अंदर का नजारा देखकर सबकी आंखें फटी
की फटी रह जाती हैं क्योंकि गुफा के अंदर
उन्हें इजिप्ट का ऐतिहासिक समान देखने को
मिलता है कहा जाता है कि उस समय उस गुफा
से पूरे 40 ट्रक भरकर इजिप्ट का सामान
निकाला गया था और बाद में उस गुफा से
इजिप्ट का नामो निशान मिटा दिया गया था
ताकि यह खबर बाहर देश तक ना जा सके
दोस्तों आज के समय में अगर अमेरिकी सरकार
से इस गुफा के बारे में पूछा जाए तो वह
साफ तौर पर इंकार कर देगी उनके अकॉर्डिंग
ऐसी कोई गुफा कभी अस्तित्व में थी ही नहीं
लेकिन अमेरिका में आज भी ऐसे बहुत से
वैज्ञानिक हैं जो इस बात को सच मानते हैं
कि ऐसी गुफा अस्तित्व में थी यानी इजिप्ट
का अमेरिका से हजारों साल पहले जरूर कोई
कनेक्शन था वैसे ग्रैंड कैनन में एक ऐसी
जगह भी है जिनके नाम हिंदू और इजिप्ट के
देवताओं के नाम पर रखे गए हैं लेकिन यह
नाम किसने और कब रखे हैं इसकी खबर किसी को
नहीं है।
द कोड ऑफ उर्नामु
दोस्तों जब दुनिया के सबसे पुराने
लॉ की बात होती है तो उसमें द कोड ऑफ
उर्नामु का नाम आता है इस कोड
को सुमेरियंस लोगों ने क्ले से बने
ईटों पर लिखा था यह करीब-करीब
1800 साल पुराना है इसकी खोज अर्ली 20th
सेंचुरी में हुई है जब रिसर्चस इराक के
निपुर सिटी में खुदाई कर रहे थे उस समय
जमीन के अंदर से यह बरामद हुआ यह दो
टुकड़ों में डिवाइडेड था क्ले के इस पहले
टुकड़े पर यह बताया गया था कि इस कोड को
किसने बनाया है जबकि दूसरे कोड पर पांच
रूल्स लिखे गए थे दोस्तों साल 1952 में
पहली बार इस कोड को डिकोड किया गया जिसमें
हमें पता चला कि इस क्ले पर लिखे गए सभी
रूल्स हमारे आज के रूल्स से काफी मैच करते
हैं यानी हजारों साल पहले भी गलत काम करने
पर सजा देने का प्रावधान था बिल्कुल आज की
तरह क्ले पर लिखे गए रूल्स के अकॉर्डिंग
उस समय चोरी और मर्डर करने वाले लोगों को
मौत की सजा मिलती थी और छोटे-मोटे गुनाह
करने वाले लोगों को जेल में रखा जाता था
इसके अलावा हजारों साल पहले तंत्र-मंत्र
करने वाले लोग भी सजा के पात्र माने जाते
थे अगर कोई जज जानबूझकर किसी बेगुनाह को
सजा देता था तो राजा को यह अधिकार होता था
कि वह जज को सजा दे सके वैसे दोस्तों इस
कोड को उर्नामो नाम क्यों दिया गया यह तो
आज भी एक पहेली है हो सकता है उस समय के
उर्नामो नाम के किसी राजा ने इस कोड को
बनाया होगा लेकिन इस बात का भी कोई प्रूफ
नहीं है।
स्टोन स्ट्रक्चर्स
दोस्तों मैं जिस स्टोन स्ट्रक्चर की बात कर रहा रहा
हूं वह आपको एक वोल्केनो के ऊपर देखने को
मिलेगा यह वोल्केनो सऊदी अरब के एक दूर के
इलाके में मौजूद है सालों पहले जब
आर्कियोलॉजिस्ट की टीम इस जगह पर रिसर्च
करने पहुंची तो यहां का नजारा देखकर उनका
दिल सहम सा गया क्योंकि वोल्केनो के ऊपर
एक दो नहीं बल्कि 400 से भी ज्यादा रहस्यम
स्टोन स्ट्रक्चर्स बने थे जब उन्होंने उन
स्ट्रक्चर्स के स्टोंस की जांच की तो पता
चला कि यह स्टोंस लगभग 9000 साल पुराने
हैं और इससे भी ज्यादा सरप्राइजिंग बात यह
थी कि यहां मौजूद हर एक स्ट्रक्चर आकार
में एक फुटबॉल मैदान से करीब तीन से चार
गुना ज्यादा बड़ा है इनमें से कुछ
स्ट्रक्चर्स देखने में बिल्कुल एक बड़े
गेट की तरह लगते हैं तो वहीं कुछ का साइज
बहुत ही मिस्टीरियस है दोस्तों एक विशाल
वोल्केनो के ऊपर कई हजार स्टोंस को ले
जाकर ऐसे स्ट्रक्चर्स को बनाना किसी
नॉर्मल पर्सन का तो काम नहीं हो सकता तो
फिर इन स्ट्रक्चर्स को किसने बनाया और
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्यों बनाया है
दोस्तो मेरे या फिर साइंस के पास
तो इसका जवाब नहीं है वैसे अगर आपके पास
इसका जवाब है तो आप हमें कमेंट में जरूर
बताइएगा।
चेंबर ऑफ सीक्रेट
साल 2010 का
इंसिडेंट है जब हमारे देश के कोलकाता सिटी
में खुदाई के दौरान रिसर्चस को एक बेहद ही
मिस्टीरियस चेंबर मिला यह चेंबर कोलकाता
के नेशनल लाइब्रेरी में मिला था यह
लाइब्रेरी करीब 250 साल पहले यहां बनाई गई
थी नेशनल लाइब्रेरी के बनने से पहले इस
जगह पर एक पैलेस हुआ करता था खैर जब नेशनल
लाइब्रेरी के अंदर चेंबर मिला तो इसे लेकर
तरह-तरह की बातें उठने लगी कुछ लोग यह
कहने लगे कि इस चेंबर को अंग्रेजों ने
इसलिए बनाया था ताकि वे इसमें भारतीयों को
बंद करके उन्हें टॉर्चर कर सके जबकि वहीं
कुछ लोगों का यह भी मानना था कि इस चेंबर
में ब्रिटिश सरकार भारतीय गरीबों से लूटा
हुआ धन इकट्ठा करती थी हालांकि जब
वैज्ञानिकों ने इस चेंबर की जांच पड़ताल
की तो इसकी जो सच्चाई सामने आई वह काफी
निराशाजनक थी दरअसल वैज्ञानिकों के
अकॉर्डिंग इस चेंबर को उस बिल्डिंग की नीव
को स्ट्रांग करने के लिए बनाया गया था
लेकिन दोस्तों नीव को मजबूत करने के लिए
चेंबर को बनाने वाली बात मेरी तरह यहां के
लोकल्स को रास नहीं आती है उनके अकॉर्डिंग
पूरी की पूरी नेशनल लाइब्रेरी ही अपने
अंदर रहस्यों को समेटे हुए हैं यहां कई
ऐसे कमरे हैं जिसे आज तक लोगों के लिए
खोला नहीं गया है उन कमरों से अक्सर
अजीबोगरीब आवाजें आती हुई सुनाई देती हैं
ऐसे में चेंबर का भी जरूर कुछ राज है जिसे
वैज्ञानिक हमसे छुपा रहे हैं.
फॉर बिडेन वरशिप
दोस्तों एक समय इजराइल में द होली टेंपल
हुआ करता था जो करीब 300 सालों तक वहां के
लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया था होली
टेंपल उस समय वहां के लोगों के लिए सबसे
बड़ी धार्मिक जगह थी बाइबल में होली टेंपल
का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि यही व
जगह थी जहां जीसस अपने लोगों से मिलते थे
इसके अलावा बाइबल के ओल्ड टेस्टामेंट में
भी यह कहा गया है कि पूरी दुनिया में गॉड
सिर्फ एक जगह पर है जहां उसकी पूजा की जा
सकती है और वो जगह है होली टेंपल लेकिन इस
होली टेंपल को बेबीलोनियंस ने 587 बीसी
में तोड़वा दिया था धार्मिक आस्था का
केंद्र होने की वजह से इसे दोबारा से
लोगों द्वारा बनाया गया लेकिन 72 एडी में
इसे दोबारा से तोड़ा गया और इस बार इसे
तोड़ने वाले रोमंस थे हालांकि इसके बाद से
ही लोगों का होली टेंपल को लेकर यह
विश्वास बढ़ गया कि होली टेंपल अपने आप
में काफी ज्यादा मिस्टीरियस था.