हमारे मन में अक्सर यह सवाल उठता रहता है
कि आखिर धरती को खोदकर हम कितने नीचे तक
जा सकते हैं वैसे यह बात तो आप सबको पता
होगा कि दुनिया का सबसे बड़ा गड्ढा रूस
द्वारा खोदा गया था जिसका नाम कोला सुपर
डीप बोर होल है यह गड्ढा
40230 फीट खोदा गया है। इसकी गहराई समुद्र के
सबसे डीपपेस्ट क्षेत्र मरियाना ट्रेंट से
भी
4160 फीट ज्यादा है ये इंसानों द्वारा
खोदा गया आज तक का सबसे गहरा गड्ढा था
लेकिन इंसानों ने इसका भी रिकॉर्ड तोड़
दिया एक ऐसा गड्ढा खोदा गया जो इससे भी
कुछ फीट ज्यादा निकला लेकिन इन गड्ढों के
अलावा और भी गड्ढे इस धरती में किए गए हैं
आज हम समय के अनुसार धरती
में किए गए सारे गड्ढे और उनकी विशेषता के
बारे में जानेंगे यह तो आप जानते हैं कि
हमारी धरती पर 71 % भाग पर पानी की
मात्रा है लेकिन यह पानी की मात्रा धरती
के सिर्फ ऊपरी परत पर लागू होता है जैसे
कि मैं आपसे कहूं कि यह धरती एक सेब की
तरह है और इस पर पानी जो सेब का छिलका
होता है उससे भी कम है, तो आप शायद सोच में
पड़ जाएंगे आपकी जानकारी के लिए बता दूं
अगर पूरी धरती की गहराई को मापा जाए तो यह
6378 किमी जितनी गहरी है और जब हम 12000
से भी ज्यादा गहरा गड्ढा इस पृथ्वी में खो
देंगे तो हम धरती के किसी दूसरे कोने पर
निकलेंगे आमतौर पर समुद्र की औसत गहराई 3
से 4 किलोमीटर तक होती है जबकि पूरी धरती
के कुल आयतन का सिर्फ
0.023 पर हिस्सा ही इस धरती पर पानी के
रूप में मौजूद है बाकी के हिस्से में आपको
मिट्टी लोहा निकिल पत्थर लावा और कई तरह
की चट्टानें मिलेंगी जो धरती पर पानी की
मात्रा से कई गुना ज्यादा है तो देर ना
करते हुए धरती के सबसे ऊपर गड्ढे से
शुरुआत करते हैं दोस्तों जमीन के अंदर चार
से 7 फीट तक के गड्ढे हर रोज लाखों खोदे
जाते हैं जिसे कब्र वाला गड्ढा कहा जाता
है इसके बाद 10 से 15 फीट की गहराई तक
शौचालय के गड्ढों की खुदाई की जाती है 30
से 40 फीट की गहराई तक एक आम कुआं खोदा
जाता है इसके बाद 60 से 120 फीट की गहराई
तक एक आम बोरवेल की खुदाई होती है हालांकि
यह खुदाई मशीनों के द्वारा की जाती है और
इनके अंदर उतरना नामुमकिन है लेकिन
हमेशा की तरह दुबई ने कुछ अलग ही कर डाला
जहां नॉर्मल स्विमिंग पूल की गहराई 3 से 6
फीट होती है तो वहीं दुबई ने एक स्विमिंग
पूल बनाया जिसका नाम डीप डाइव है उसको 170
फीट जितना गहरा बना डाला इस खास स्विमिंग
पूल में स्कूबा डाइविंग फ्री डाइव जैसे कई
एंड वेच तकनीकी विशेषज्ञों के निर्देशन
में किए जा सकते हैं वहीं इसके वेबसाइट पर
जाकर कोई भी शख्स बुकिंग भी कर सकता है
यहां पहुंचकर गोताखोर वीरान पड़े डूबे शहर
के अपार्टमेंट भी देख सकते हैं सुरक्षा के
लिहाज से इस डाइविंग पूल के अंदर 56 कैमरे
लगाए गए हैं न्यूक्लियर बनाने या परीक्षण
में जो भी वेस्ट मटेरियल बचता है उसे लगभग
330 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उसके अंदर दफन
किया जाता है ताकि किसी भी कारणवश इसका
रेडिएशन बाहर ना निकले लेकिन इससे भी
ज्यादा 346 फीट अंदर यूक्रेन के कीवी
शहर में एक मेट्रो स्टेशन बना है जो
दुनिया का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है
एस्केलेटर से मेट्रो लाइन तक जाने में
आपको लगभग 5 मिनट का समय लग जाएगा 790 फीट
जमीन के नीचे जापान ने एक टनल बनाया है जो
समुद्र के नीचे से होकर गुजरती है जिसे
सीकन सुरंग के नाम से जाना जाता है यह
सुरंग जापान के होका इडोज द्वीप को जोड़ने
का काम करती है यह सुरंग लगभग 5.5 किलोमीटर
लंबी है जिसमें रेलवे और सड़क दोनों तरह
के रास्ते हैं लेकिन नॉर्वे ने इससे भी
ज्यादा गहरा एक टनल का निर्माण किया जिसकी
गहराई 958 फीट है इसके नीचे यदि 1380 फीट
तक जाएं तो आपको दुनिया का सबसे गहरा कुआ
मिलेगा जिसे तामजा ब्लू होल के नाम से
जाना जाता है हालांकि यह इंसानों द्वारा
नहीं खोदा गया है बोरोनिया जो एक गुफा है
यह रूस में स्थित है यह दुनिया का सब सबसे
विख्यात गुफा है जिसकी गहराई 2700 फीट तक मापी
गई है जमीन के अंदर
3180 फीट नीचे एक ऐसा माइन खोदा गया जहां
से आप धरती के ऊपर उड़ते बादल को देख सकते
हैं इस जगह का नाम बंगम कोपर माइन है
लेकिन प्रकृति द्वारा बनाया गया दुनिया का
सबसे गहरा लेक जिसका नाम बैकाल लेक है उसका तल
जमीन से
5387 फीट नीचे तक है ग्रैंड कैनियन अमेरिका
के एरिजोना राज में स्थित कोलोराडो नदी
द्वारा बनाई गई एक विशाल घाटी है यह घाटी
बहुत बड़ी है जो 277 मील लंबी 18 मील
चौड़ी और 6000 फीट से अधिक गहरी है इसके
आगे 7200 फीट नीचे एक गुफा जॉर्जिया में
मौजूद है 10300 फीट नीचे जाने पर आपको एक
माइन और मिलेगा जो अफ्रीका में मौजूद है
जिसे मोआब कोटसांग माइन शाफ्ट के नाम से
जाना जाता है इसके आगे 13000 फीट नीचे
जाने पर आपको दुनिया का सबसे गहरा गोल्ड
माइन देखने को मिलेगा, सोने जैसी बेशकीमती
चीज इतना महंगा होने का कारण यही है कि
यह बहुत ही ज्यादा मुश्किल हालातों से
निकाले जाते हैं इस माइन के नीचे जाने में
1 घंटे का समय लगता है और इसके नीचे जो
वर्कर काम करते हैं वो हमेशा पसीने से
लतपंत रहते हैं क्योंकि इसके नीचे का
तापमान 65 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा होता है।
इसके आगे इंसानों द्वारा खोदा गया
आज तक का सबसे बड़ा होल
जिसे कोला सुपर डीप बोर होल के नाम से
जाना जाता है जिसकी गहराई
40230 फीट है हालांकि इससे भी ज्यादा नीचे
इंसान जा चुका है लेकिन कोला सुपरडीप बोर
होल कुछ मामलों में शायद उससे भी ज्यादा
प्रसिद्ध है तो चलिए इस होल के बारे में
जान लेते हैं कि आखिर रूस ने इतना गहरा
गड्ढा क्यों खोदा और इसको बंद क्यों करना
पड़ा 1950 का दशक था द्वितीय विश्व युद्ध
के ठीक बाद अमेरिका और सोवियत यूनियन के
बीच कोल्ड वॉर का दौर शुरू हो चुका था
दोनों देशों के बीच सैन्य से लेकर
अंतरिक्ष तक लगभग हर मोर्चे पर होड़ मच गई
दोनों खुद को एक दूसरे से ज्यादा ताकतवर
साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे
इसी बीच अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच
एक और प्रतिस्पर्धा शुरू हुई और वो थी
धरती की सर्वाधिक गहराई में जाने की दोनों
देश देखना चाहते थे कि आखिर कौन धरती के
अंदर सबसे ज्यादा गहराई में जा सकता है
सबसे पहले अमेरिका ने खोदना शुरू किया
जिसका नाम दिया मोहोल लेकिन वह 9 सालों
में सिर्फ 601 फीट ही खोद पाया इसके बाद
अमेरिका की सरकार में बदलाव हुआ और
प्रोजेक्ट को रोक दिया गया इधर रूस ने
सोचा हम इससे ज्यादा खोद कर दिखाएंगे उसने
1970 में ड्रिलिंग की शुरुआत की और 19 साल
यानी 1989 तक सिर्फ 122 260 मीटर यानी
40230 फीट ही खोद पाया यह धरती की कुल
गहराई का सिर्फ 2% हिस्सा था लेकिन
असली मुसीबत इसके बाद शुरू हुई क्योंकि जो
भी उपकरण खुदाई के डाले जाते थे वह जमीन
के अंदर की गर्मी को झेल नहीं पा रहे थे
इसीलिए इस प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा
कोला सुपर डीप बोर होल से जुड़ा एक मिथक
भी खासा चर्चित है ऐसा कहा जाता है जब
सोवियत रूस 42 130 फीट यानी
12260 मीटर से आगे ड्रिल करने की कोशिश कर
रहा था उसी वक्त गड्ढे के अंदर एक चेंबर
टूट गया और अंदर से भयानक चीखने चिल्लाने
जैसी आवाजें सुनी गई हालांकि इसकी कभी
पुष्टि नहीं हो पाई लेकिन इसी के बाद कोला
सुपर डीप बोर होल को नर्क का द्वार कहा
जाने लगा और दावा किया गया कि इन आवाजों
के चलते ही रूस ने खुदाई बंद कर दी थी
लेकिन रूस को इससे बहुत कुछ मिला जिसमें
कई प्रकार की गैसों के साथ-साथ उन्हें दो
अरब वर्ष पुराने सूक्ष्म जीवाश्म की 24
प्रजातियां मिली ये सूक्ष्म जीवाश्म
ऑर्गेनिक कार्बन और नाइट्रोजन कंपाउंड में
लिपटे थे वैज्ञानिकों के मुताबिक इसी के
चलते यह इतनी गहराई में भी सुरक्षित रहे
और तापमान बर्दाश्त कर पाए फिलहाल कोला
सुपर डीप को सुरक्षा के कारणों की वजह से
पूरी तरह से सील पैक करके बंद कर दिया गया
है अब आ जाते हैं आज तक का मानव द्वारा
धरती के अंदर किया गया सबसे गहरा गड्ढा
कौन सा है दोस्तों 2008 में कतर की एक तेल
कंपनी ने समुद्र के रास्ते जमीन के अंदर
40318 फीट नीचे तक ड्रिल करके यह रिकॉर्ड
अपने नाम कर लिया तो दोस्तों यह जानकारी
आपको कैसा लगा कमेंट में जरूर बताइए ।