वैसे तो हमारी दुनिया कई सारे रहस्यों से
भरी हुई है और जैसे-जैसे साइंस तरक्की कर
रही है वैसे-वैसे यह रहस्य भी सुलझ रहे
हैं लेकिन इतने रहस्यों में से कई रहस्य
ऐसे भी हैं जिन्हें सुलझाना खतरे से खाली
नहीं है ठीक इसी तरह हमारी दुनिया में कई
ऐसे दरवाजे भी मौजूद है जिन्हें अगर खोल
दिया जाए तो हमारी यह दुनिया तबाह भी हो
सकती है ये ऐसे दरवाजे हैं जिनको आज इतनी
एडवांस टेक्नोलॉजी होने के बावजूद भी नहीं
खोला जा सकता है इन दरवाजों में से कुछ
दरवाजे तो श्रापित हैं तो कुछ दरवाजे ऐसे
भी हैं जिनको ना खोले जाने का राज किसी को
भी नहीं पता है और ऐसा भी नहीं है कि इन
दरवाजों को खोलने की कभी कोशिश ही ना की
गई हो समय-समय पर कई लोगों ने इन दरवाजों
को खोलने की कोशिश की है लेकिन उनकी
कोशिशों के नतीजे में उन लोगों को अपनी
जान से हाथ धोना पड़ा है तो आज की इस
जानकारी में हम कुछ ऐसे ही रहस्यमय दरवाजों
के बारे में जानेंगे
नंबर 1 श्री पद्मनाभा स्वामी मंदिर
यह मंदिर केरल की राजधानी
तिरुवनंतपुरम में मौजूद है जिसे आज से
1400 साल पहले बनाया गया था वैसे तो इस
मंदिर का आर्टवर्क और इंजीनियरिंग दोनों
ही दुनिया में सबसे अलग है लेकिन यह मंदिर
उस समय चर्चा में आया जब साल 2011 में सुप्रीम
कोर्ट के ऑर्डर पर इस मंदिर में बने पांच
खुफिया कमरों को खोला गया वैसे तो इस
मंदिर में टोटल छह खुफिया कमरे मौजूद हैं
जिन्हें A से लेकर F तक नाम दिए गए हैं
और जब इस मंदिर के छह में से पांच कमरों
को खोला गया तो उनके अंदर जो मिला उसने
पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया ये पांच
कमरे सोने हीरे जेवरात और कई सारी
मूर्तियों से भरे हुए थे जिनकी टोटल कीमत
करीब 1 ट्रिलियन डॉलर थी लेकिन इन छह
कमरों में से एक कमरा अभी भी खोलना बाकी
था इस कमरे को वोल्ट बी नाम दिया गया था
और इस कमरे के बाहर एक लोहे का दरवाजा लगा
हुआ था जिस पर दो कोबरा सांप बने हुए थे
बहुत कोशिश करने के बाद भी कोई भी इस कमरे
के दरवाजे को नहीं खोल पाया ऐसा माना जाता
है कि इस दरवाजे को एक श्राप के साथ बंद
किया गया था और कोई साधु जिसे गरुड़ मंत्र
का ज्ञान हो वही इस दरवाजे को खोल सकता है
लोगों का मानना है कि 1930 में लुटेरों के
एक ग्रुप ने भी वोल्ट बी को खोलने की
कोशिश की थी लेकिन अचानक उन पर कोबरा
सांपों ने हमला कर दिया लेकिन यह सांप
कहां से आए थे यह किसी को भी नहीं पता है
नंबर 2 सीलडोर्स ऑफ ताजमहल
वैसे यह बात
तो हम सभी जानते हैं कि ताजमहल को शाहजहां
ने सन 1631 में अपनी तीसरी पत्नी मुमताज
महल की याद में बनवाया था इस भव्य स्मारक
के निर्माण में 20000 कारीगर हज हाथी और
22 साल का समय लगा था और ताजमहल को बनवाने
के साथ ही शाहजहां ने ताजमहल के नीचे कई
रहस्यमय दरवाजे भी बनवाए थे इन दरवाजों को
आप ताजमहल के उस हिस्से में देख सकते हैं
जो नदी की तरफ मौजूद है यहां आपको बेसमेंट
में लाल पत्थरों से बना दो मंजिला
स्ट्रक्चर दिखाई देगा वैसे तो इन कमरों
में आम पब्लिक का जाना मना है और इनको
सुरक्षित रूप से सील कर दिया गया है लेकिन
कुछ थ्योरी हैं जो इन कमरों को बंद करने
के पीछे दी जाती है जैसे कि पहली थ्योरी
तो यही है कि ताजमहल के ये कमरे मार्बल से
बने हुए हैं और अगर इन कमरों को आम पब्लिक
के लिए खोल दिया गया तो इंसानों द्वारा
उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड इन कमरों के
अंदर बहुत ज्यादा मात्रा में जमा होने
लगेगी जो अंदर ही अंदर मार्बल के साथ
रिएक्ट करके उसे कैल्शियम कार्बोनेट में
बदल सकती है जिससे ताजमहल के बेस को काफी
नुकसान पहुंच सकता है और यहां तक कि इसके
चारों ओर बने पिलर्स भी गिर सकते हैं और
इसको लेकर सेकंड थ्योरी ये है कि इन्हीं
कमरों में से किसी कमरे में मुमताज की
डेड बॉडी को प्रिजर्व करके रखा गया है
नंबर 3 द ग्रेट स्फिंक्स ऑफ गीजा
ग्रेट स्फिंक्स जो कि दुनिया की सबसे बड़ी और
पुरानी मूर्तियों में से एक है यह मूर्ति
इजिप्ट में मौजूद है जिसे आज से करीब 4500
साल पहले 100 कारीगरों ने 3 साल के अंदर
बनाया था हालांकि ये एक माइथोलॉजी क्रीचर
है जिसका सिर इंसान का है और बॉडी शेर की
वैसे तो स्फिंक्स अपने आप में ही काफी
चौका देने वाला स्ट्रक्चर है लेकिन असली
रहस्य इसके ऊपर नहीं बल्कि इसके 25 फीट
नीचे दफन है दरअसल आर्कियोलॉजिस्ट ने
Seismograph की मदद से इस मूर्ति के पंजों
के करीब, 25 फीट नीचे दो रेक्टेंगल चेंबर्स को डिस्कवर
किया है Seismograph वही डिवाइस है जिसकी
मदद से भूकंप और ज्वालामुखी फटने जैसी
घटनाओं का पता लगाया जाता है
आर्कियोलॉजिस्ट को इन चेंबर्स के अंदर आने
जाने के लिए दो रास्ते भी मिले हैं लेकिन
वहां की गवर्नमेंट ने इन रास्तों को सील
करके रखा है और किसी का भी इन चेंबर्स के
अंदर जाना मना है जिस वजह से उन चेंबर्स
के अंदर जो कुछ भी छुपा है वो तो अभी तक
सिर्फ एक राज ही है लेकिन कुछ थ्योरी के
अनुसार इन चेंबर्स के अंदर एक बहुत ही
बड़ा हॉल ऑफ रिकॉर्ड्स यानी एक प्रकार की
लाइब्रेरी बनी हुई है जिसके बारे में कहा
जाता है कि इसमें इजिप्ट और अटलांट के
इतिहास से जुड़े कई दस्तावेज हो सकते हैं
लेकिन इनके अंदर जो भी राज छुपा है उसका
पता तो तभी चल सकता है जब वहां की
गवर्नमेंट इन चेंबर्स को खोलने की परमिशन
दे दे
नंबर 4 द फर्स्ट एंपरर्स टोम
किन सिंह हुआंग जिन्हें यूनाइटेड चाइना का पहला
एंपरर माना जाता है इन्होंने छह भागों में
बटे चाइना को एक साथ लाकर पूरे चाइना पर
शासन किया था अपने शासनकाल में इन्होंने
खूब विकास किया और एक मजबूत सम्राट के रूप
में उभर कर सामने आए यहां तक कि द ग्रेट
वॉल ऑफ चाइना का निर्माण भी किन सिंह हुआंग
ने ही करवाया था 10 सितंबर 210 बीसी को
चिन शि हुआंग की मौत हो गई थी और मौत के
बाद उन्हें एक बहुत ही बड़े मकबरे में
दफनाया गया इसके लगभग 2000 साल बाद 1974
में जब कुछ किसान चाइना के शियांन से कुछ
ही दूरी पर कुआं बनाने के लिए खुदाई कर
रहे थे तभी अचानक उन्हें एक सैनिक की
मूर्ति मिली जब आर्कियोलॉजिस्ट ने यहां
खुदाई की तो उन्हें यहां 2000 के करीब
सैनिकों की मूर्तियां मिली और फिर यह
सामने आया कि यह वही जगह है जहां चिन सिंह
हुआंग को दफनाया गया था हैरानी की बात यह
थी कि हर मूर्ति के अपने अलग फेशियल
एक्सप्रेशंस कपड़े और हेयर स्टाइल थे इतना
ही नहीं रिसर्चस के अनुसार यहां ऐसी करीब
8000 सैनिकों की मूर्तियां जमीन में दबी
हो सकती है चिन सिंह हुआंग की कब्र लगभग 94
स्क्वायर किमी के एरिया में फैली हुई है और
मैपिंग के जरिए यह पता चला है कि इस कब्र
के आसपास मरकरी की नदियां बहती है जिस वजह
से यहां और ज्यादा खुदाई करना आसपास के
इलाकों में रहने वाले लोगों और एनवायरमेंट
दोनों के लिए ही बेहद खतरनाक हो सकता है
हान डायनेस्टी की इतिहासकार सीमा कियान के
रिकॉर्ड्स के अनुसार इस कब्र के अंदर महल
टावर खजाने और रेयर आर्टिफेक्स दबे हो सकते
हैं
नंबर 5 द डोर ऑफ रूम
873 ये कनाडा
में मौजूद फेयरमाउंट बैनफ स्प्रिंग्स नाम
के एक लग्जरियस होटल का कमरा है यह होटल
कनाडा के सबसे पुराने और सबसे खूबसूरत
होटल्स में से एक है जिसे 1888 में खोला
गया था बताया जाता है कि एक बार एक कपल
अपनी बेटी के साथ इस होटल के रूम 873 में
रुकने के लिए आया लेकिन एक रात इन तीनों
का इसी कमरे में खून हो जाता है जिसके बाद
काफी दिनों तक इस मर्डर मिस्ट्री को लेकर
इन्वेस्टिगेशन भी चलती है लेकिन कोई सुराग
नहीं मिल पाता जिसके बाद इस कमरे को
दोबारा से रिनोवेट करवा दिया जाता है
लेकिन फिर भी इस कमरे में रुकने वाले
लोगों को चीखें सुनाई देती और शीशे पर खून
के धब्बे दिखाई देते ऐसी बहुत सी शिकायतें
आने के बाद होटल मैनेजमेंट ने इस कमरे को
हमेशा के लिए बंद करने का फैसला किया और
इसके दरवाजे को ईंटों से ढकवा दिया
नंबर 6डोर टू हेल
यह जगह तुर्केमेनिस्तान
के काराकोरम डेजर्ट में मौजूद है जिसे
दरवाजा गैस क्रेटर या डोर टू हेल यानी
नर्क का दरवाजा कहा जाता है 69 मीटर चौड़े
और 30 मीटर गहरे इस गड्ढे से बीते 50
सालों से आग निकल रही है जिसका कारण
नेचुरल गैस को बताया जाता है हालांकि यह
गड्ढा कैसे बना इस बारे में कोई क्लियर
इम्फोर्मेशन तो नहीं है लेकिन एक थ्योरी के
अनुसार 1971 में सोवियत जियोलॉजिस्ट का एक
ग्रुप काराकोरम डेजर्ट में कच्चे तेल की
खोज कर रहा था जहां एक जगह पर खुदाई के
दौरान उन्होंने जमीन से गैस निकलते हुए
देखी ये मिथेन गैस थी और जिस जगह वो लोग
खुदाई कर रहे थे वहां की जमीन ढह गई और
वहां एक बहुत बड़ा गड्ढा बन गया जिस कारण
अचानक उस जगह से बहुत ज्यादा मात्रा में
मीथेन गैस बाहर निकलने लगी इस गैस का
एटमॉस्फेयर में मिलने का खतरा था जिसे
रोकने के लिए जियोलॉजिस्ट ने इस गड्ढे में
आग लगा दी उनका मानना था कि कुछ ही हफ्तों
में यह गैस खत्म हो जाएगी और आग अपने आप
बुझ जाएगी लेकिन कुछ हफ्तों की
एक्सपेक्टेड आग आज भी जल रही है और हर साल
इस जगह को देखने के लिए 10000 से भी
ज्यादा लोग यहां आते हैं तो यह थे कुछ
सबसे रहस्यमई दरवाजे